...

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चलो ना कुछ दूर और चला जाए.......

अगर आपके पास २मिनट का समय नही है तो आप इसे छोड़ सकते हैं पर कृपया बिना पढ़े 👍 ना करें 🙏🙏

क्यों ना अनकहे जज़्बातों को
फिर से छुआ जाए
चलो ना कुछ दूर और चला जाए

जम गई है रिस्तों पे, जो परत दूरियों की,
क्यों ना उसे फिर से धुला जाए
चलो ना कुछ दूर और चला जाए

तुम अपनी निगाहों से ,गुरूर का पर्दा हटा के तो देखो ,सब अपने ही है
क्यों ना उन्हें फिर से मिला जाए
चलो ना कुछ दूर और चला जाए

मौका भी है, दस्तूर भी है और
खुशियों का पावन पर्व भी है
क्यों ना इस होली " रकीब " के भी चेहरे पे
गुलाल मला जाए
चलो ना कुछ दूर और चला जाए ....🙏🙏


© Rekha pal