शहरी की प्रेमिका
आप शहर की मैं गांव का ईमेल कहां हो पाएगा मोहब्बत यूं ही बदनाम है हमसे और किया ना जाएगा जो भी हो मोहब्बत में मैं धोखा ना दे पाऊंगा मैं हर समझौता करने को तैयार हूं अब आप बताओ मोहब्बत है तो हमारा साथ निभा पाओगी हमारे साथ गांव के घर में क्या जीवन अपना बिता पाओगी लंबा सफर है मेरा हाथ थाम कर क्या चल पाओगे अगर हां है तो ही मोहब्बत करना वरना हमें हमारे रास्ते पर अकेले जाने देना ना बड़ा घर होगा ना ही शहर सी व्यवस्था होगी कभी-कभी रूखी सूखी भी खाना पड़ेगा घर के साथ पशु खेत खलिहान तक का सारा कार्य...