!जख्म दिलों के!
दर्द गर सामने से दिए होते तो दर्द नहीं होता,,
पर यहां तो पीठ पीछे ही हमें घायल कर गए!!
नजरें उठाकर देखना चाहा अपने गुनहगारों को,,
एक कतार में खड़े अपने ही दिख गए!!
जख्म इतने गहरे थे कि भरने से भी ना भरे,,
पर फिर भी वक्त हमें इन्हीं जख्मों...
पर यहां तो पीठ पीछे ही हमें घायल कर गए!!
नजरें उठाकर देखना चाहा अपने गुनहगारों को,,
एक कतार में खड़े अपने ही दिख गए!!
जख्म इतने गहरे थे कि भरने से भी ना भरे,,
पर फिर भी वक्त हमें इन्हीं जख्मों...