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शीर्षक - युवा बेरोजगार है।
शीर्षक - युवा बेरोजगार है।

सबका अपना सजा दरबार है।
सत्ता नेताओं का हुआ बाज़ार है।
जिसको मिला उसने कमाया,
पर ध्यान नहीं युवा बेरोज़गार है।

कभी इधर कभी उधर करते।
मुद्दे छोड़ भाषण ज़हर करते।
कहते नहीं हम ज़िम्मेदार हैं।
ध्यान नहीं युवा बेरोज़गार है।

बदलते रहते पल-पल भेष-भूषा,
इनकी अदाकारी क्या कहूँ कैसा।
झूठ से बना इनका पतवार है।
ध्यान नहीं युवा बेरोज़गार है।

मन की बात कभी भारत जोड़ो,
मुद्दा देश का क्या है अभी छोड़ो।
इनका मनता हर इक त्यौहार है।
पर ध्यान नहीं युवा बरोजगार है।

तस्वीर सबको खिंचवानी देखो,
ग़रीब की झोपड़ी दिखानी देखो।
वोट के लिए सब होता प्रचार है।
पर ध्यान नहीं युवा बेरोजगार है।

किसान की जान की नहीं क़ीमत,
महंगाई में बस होती रहती बरक़त।
क्यूँ ग़रीब, किसान कर्ज़दार है।
ध्यान नहीं युवा बेरोज़गार।

लूट की मची हुई होड़ चारों ओर,
जाने कितने नेताओं में बैठा चोर।
बुझा दीपक कहते अंधकार है।
पर ध्यान नहीं युवा बेरोज़गार है।

मेरी बात चुभेगी ज़रूर कइयों को,
नहीं फ़र्क चलती स्याही की पहियों को।
नहीं शामिल एक शामिल सब सरकार है।
ध्यान नहीं युवा बेरोज़गार है।

©Musickingrk