maa की छवि
रूप मां का ममता की जो छाव मिली
गोदी में जिसके सकून की नींद मिली
नाजुक उनके हाथो में तकिए ना जरूरत पड़ी
लगता जब डर बाहों में राहत मिली
मेरी हसी उनके चेहरे की रौनक बड़ी
अपने दुख को रख कोने में उफ़ तक न करी
मेरी शरारत में मेरे साथ खड़ी
पापा की डाट उसने मेरे लिए सही
मेरी गलतियां बड़े प्यार से सुलझा देती थी
मेरे दुख में मेरा सहारा बनी
© मारवाड़ी
गोदी में जिसके सकून की नींद मिली
नाजुक उनके हाथो में तकिए ना जरूरत पड़ी
लगता जब डर बाहों में राहत मिली
मेरी हसी उनके चेहरे की रौनक बड़ी
अपने दुख को रख कोने में उफ़ तक न करी
मेरी शरारत में मेरे साथ खड़ी
पापा की डाट उसने मेरे लिए सही
मेरी गलतियां बड़े प्यार से सुलझा देती थी
मेरे दुख में मेरा सहारा बनी
© मारवाड़ी