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जीवन में पराकाष्ठा
कृपया ध्यान रखें ,जीवन में किसी भी वस्तु की पराकाष्ठा दुख का कारण बन सकते हैं।
इसलिए सोच समझ कर ही निर्णय ले,
लालच बुरी लत है,लग जाए इक बार तो
जिंदगी तबाह करके ही दम लेता है।
हम में से बहुत से ऐसे लोग हैं।
जिनके पास अथाह दौलत हैं।।
मग़र उन्हें संतुष्टि नहीं है।।
जिनके पास जितना अधिक हैं।
उन्हें उतने ही और की चाह होती है।
और इसी चाह को पुरा करने में वो अपनी
सारी उम्र निकाल देते हैं।
कभी दो पल परिवार के साथ बैठकर
प्यार भरी बातें नहीं करते,
अपनों बच्चों को उनके हिस्से का वक्त नहीं देते
ना ही शांति से दो वक्त का भोजन ही कर पाते हैं।
मल मल का बिस्तर तो हैं पर नींद नहीं आती
अन्न से भंडारे भरी है पर भुख नहीं लगती
कपड़ों से अलमारियां भरी है मगर पहन नहीं पाते
जेवरों से तिजोरियां भरी है मग़र काम में नहीं आते।।
किरण