दिवाली
हवाओं में घोल दिया जहर,
दिवाली का चल रहा है पहर।
जगमगा उठा है ये शहर,
अभी बाकी है कुदरत का कहर।।
कोरोना का रोना है,
दुनिया में ढिंढोरा है।
सुधर जा इंसान,
वरना अभी तुझे बहुत कुछ खोना है।।
© Tulikawrites
दिवाली का चल रहा है पहर।
जगमगा उठा है ये शहर,
अभी बाकी है कुदरत का कहर।।
कोरोना का रोना है,
दुनिया में ढिंढोरा है।
सुधर जा इंसान,
वरना अभी तुझे बहुत कुछ खोना है।।
© Tulikawrites
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