...

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मेरा माखौल उङाया
#Humiliation
मेने मनया उसे बहुत वो नहीं माना
बहुत मिन्नतें की सिफारिशें की, पर उसने मुझे पराया ही जाना
पहाड़ों की उंचाई से चिल्लाया - समंदर की गहराई से बुलाया
फिर भी उसका कोई जवाब नहीं आया
दलीलें पेश की कई, उसने सारी ठुकराई
ये हालत देख, जग ने मेरी हँसी उङाई
चेहरा बनाए अजीब, मेरा माखौल उङाया
कभी भीङ में चिल्लाया कभी खामोशी से मुस्कुराया
वो रूठा हुआ चांद रूठा ही रहा
बादलों में छुपा रहा, बाहर नहीं आया।
© Diksha