...

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और कितना इंतज़ार
और कितना इंतज़ार कराओगे,
थाम लो बहियाँ कि कोई राह तक रहा है तेरा।

कभी मेरी भी सुध ले लो,
हे! मेरे मंगल श्री, कि कोई राह तक रहा है तेरा।

कभी भूले बिसरे मेरे घर आना,
माखन चुराना कि कोई राह तक रहा है तेरा।

है चाहने वाले तेरे अनगिनत पर,
न होगा कोई...