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बेटी
कुदरत के कलम से लिखी अजीब दास्तान हैं
बेटी, सच कहो तो सृष्टि में दुर्गा काअवतार
हैं बेटी राग, नही न द्वेष कही,निश्छल ,निर्मल
प्यार का अतुलनीय उपहार हैं बेटी ।। ,
कुल के दीपक होते हैं बेटे ,पाकर किसी और का सहारा दगा दे भी जाते हैं बेटे,जीवन के हर मोड़ पर काम आती हैं बेटी,।।
माँ की ममता भाई का दुलार बाप की लाडली होती हैं बेटी विपरीत परिस्थिति में अक्सर माँ बाकीकाम आती हैं बेटी ।।
निश्छल निर्मल प्यार का अतुलनीय उपहार हैं बेटी, सच पूछो तो सृष्टि में दुर्गा काअवतार
हैं बेटी।।
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सरोज कंसारी नवापारा
बेटी, सच कहो तो सृष्टि में दुर्गा काअवतार
हैं बेटी राग, नही न द्वेष कही,निश्छल ,निर्मल
प्यार का अतुलनीय उपहार हैं बेटी ।। ,
कुल के दीपक होते हैं बेटे ,पाकर किसी और का सहारा दगा दे भी जाते हैं बेटे,जीवन के हर मोड़ पर काम आती हैं बेटी,।।
माँ की ममता भाई का दुलार बाप की लाडली होती हैं बेटी विपरीत परिस्थिति में अक्सर माँ बाकीकाम आती हैं बेटी ।।
निश्छल निर्मल प्यार का अतुलनीय उपहार हैं बेटी, सच पूछो तो सृष्टि में दुर्गा काअवतार
हैं बेटी।।
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सरोज कंसारी नवापारा
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