...

8 views

फिर भले ही चले जाना
हां इस बात से मैं इकरार करती हूं,
खुद से ज्यादा मैं तुम्हें प्यार करती हूं,,।

बस इसीलिए तुम्हें खोने से डरती थी
हां तेरे लिए कई दिन रात मैं रोई थी,,,

अन्तरद्वन्द्व से जूझ रही थी, बहुत कमजोर पड़ी थी,,
तुम पर ही तो भरोसा था मेरा, तुमसे ही तो उम्मीद बंधी थी,,,

मेरी हर हालात से वाकिफ थे तुम, तुम ही तो मेरे सबसे करीब थी,,,
माना कि खून का कोई रिश्ता नहीं हमारा, पर हम सगी बहन जैसी थी,,,

अपनों से भी बढ़कर तुम्हें अपना माना था,
तुम्हें मनाने के लिए मैने अपना स्वाभिमान भी दफनाया था,,,,,

हां शायद मेरे कर्मों का ही फल है,
जाने अनजाने मैंने भी शायद दिल तुम्हारा दुखाया है,,
हो सके तो लौट आना मेरे दोस्त, गिला शिकवा दूर कर फिर भले ही चले जाना,,,,
फिर भले ही चले जाना,,,,