धूप सुनहरी इश्क की,,,,,
हुवा है ज़िन्दगी में इश्क का सवेरा
कितना हसीं है मुकद्दर तेरा मेरा
कभी तो मिलेगी रौशनी हमें आकर
कब तक...
कितना हसीं है मुकद्दर तेरा मेरा
कभी तो मिलेगी रौशनी हमें आकर
कब तक...