papa
क्या लिखूं मैं आपपे,
जब लिखावट ही मेरी आप है।
क्या दूं मैं आपको
जब आपने ही मुझे पूर्ण किया है।
क्या बोलूं मैं आपको,
जब आवाज़ ही मेरी आप है।
कैसे पूजूं मैं आपको,
जब दीप प्रज्वलित करना ही आपने सिखाया।
कैसे खुश करूं मैं आपको
जब आपने मेरी एक मुस्कान के लिए सब...
जब लिखावट ही मेरी आप है।
क्या दूं मैं आपको
जब आपने ही मुझे पूर्ण किया है।
क्या बोलूं मैं आपको,
जब आवाज़ ही मेरी आप है।
कैसे पूजूं मैं आपको,
जब दीप प्रज्वलित करना ही आपने सिखाया।
कैसे खुश करूं मैं आपको
जब आपने मेरी एक मुस्कान के लिए सब...