...

1 views

छोड़ इन्ही को पराया है संसार सभी
मत रो बंदे इस बात पर हो इतना बेकरार...
की नही है करता कोई जगत में सच्चा तुमको प्यार..

भरा पड़ा है स्वाङ्ग वृत्ति से ये पूरा संसार ...
कहते हैं लोग - तुम चले गए तो मेरा क्या होगा यार ?है चिंता उनको की कौन संभालेगा उनके जीवन का भार...
सो ही ना बोलें वो, “मेरा क्या होगा यार ?”
विवेक से उत्तर दे अभी, क्या नही है स्वार्थी संसारी सभी ?...

नही मिलेगा इस जगत में सच्चा तुमको प्यार कहीं...
भटक भटक कर थक तू जा सो पूर्व कहूं मैं बात यही...
होजा शरणागत उनके जिनका करते ध्यान संत सभी...
एक मेव सत्य वही हैं जग के कर्ता-धर्ता वही....
हां हैं वो श्यामा-श्याम ही...!
अब भाव से बोल श्यामा-श्याम हैं मेरा संसार, वही हैं मेरा प्यार...!

कर वंदन तू मां-बाप का उन गुरुवर नाथ का..... जिन्होंने बतलाया तुझको
श्यामा-श्याम के साथ का......।।
नाम जप के साथ कर इन सबकी सेवा निःस्वार्थ
सो ही हो पाएगा तू भवसागर से पार कभी...
मानले बंदे छोड़ इन्ही को पराया है संसार सभी...।।

© परम पूज्य सद्गुरुदेव जी की वाणी
( काव्यात्मक गठन गुरुकृपा द्वारा )

सार • (इन्ही) ईश्वर, सद्गुरुदेव और माता-पिता, के सिवा सभी हमसे सवार्थ भाव में जुड़े होते हैं। इसलिए अपने जीवन के कल्याण हेतु ईश्वर, सद्गुरुदेव भगवान और माता-पिता की सेवा करें और उनके शरण में रहें।

© प्रशांत•§