आंखों की बेबसी
कब कोई इन आंखों की बेबसी को समझेगा
इंतेज़ार करती आंखों में इस नमी को समझेगा
कोई तो होगा जो ले जाएगा अंधेरे से बाहर मुझे
होगा नेक बंदा जो रौशनी से मिली ख़ुशी को समझेगा
चंद सांसों के हैं जो मेहमान इस...
इंतेज़ार करती आंखों में इस नमी को समझेगा
कोई तो होगा जो ले जाएगा अंधेरे से बाहर मुझे
होगा नेक बंदा जो रौशनी से मिली ख़ुशी को समझेगा
चंद सांसों के हैं जो मेहमान इस...