तुम......
ना होके भी तू यादों में साथ था
गैरमौजूदगी में भी
तू मेरे दिल के उतना ही खास था
माना की लकीरों में जुड़ कर टूटना
और टूट कर बिखरना लिखा है
माना की नदी की दो अलग धारा सा है
तेरा और मेरा रास्ता
माना कि शायद जीवन भर का
ना लिखा हो तुमसे मेरा वास्ता
मगर मेरे इस गुज़रते साल का सबसे खूबसूरत हिस्सा हो...
गैरमौजूदगी में भी
तू मेरे दिल के उतना ही खास था
माना की लकीरों में जुड़ कर टूटना
और टूट कर बिखरना लिखा है
माना की नदी की दो अलग धारा सा है
तेरा और मेरा रास्ता
माना कि शायद जीवन भर का
ना लिखा हो तुमसे मेरा वास्ता
मगर मेरे इस गुज़रते साल का सबसे खूबसूरत हिस्सा हो...