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समझाइश
नहीं ढूंढ पा रहा हू सबब ज़िंदा रहने का ......और न ही ढूंढ पाया हू कोई. ऐसी जगह जहा मै सुकून से जी सकू और अपनी धायरी को भी मरने से बचा सकू......
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अब तुम्हे कौन आकर समझाये कि
ज़िन्दवी को ज़ीना अलग बात है और शायरी को ज़िंदा रखना अलग बात है....