सबकी उम्मीदें
#आदर्शितव्यक्तित्व
क्यों उससे हैं सबकी उम्मीदें,
कि वो सर्वगुण सम्पन्न हो,
वो भी इंसान ही है समझो,
स्वतंत्रता उसको भी तो हो,
वो भी चाहे मुस्कुराना,
किसी अपने का प्यार पाना,
बुरी चीजों से उसका भी तो,
दिल दुखता है,किसने जाना?
क्यों समझें सब उसको पत्थर,
जैसे रखोगे , वैसे रहेगी ?
हंसकर...
क्यों उससे हैं सबकी उम्मीदें,
कि वो सर्वगुण सम्पन्न हो,
वो भी इंसान ही है समझो,
स्वतंत्रता उसको भी तो हो,
वो भी चाहे मुस्कुराना,
किसी अपने का प्यार पाना,
बुरी चीजों से उसका भी तो,
दिल दुखता है,किसने जाना?
क्यों समझें सब उसको पत्थर,
जैसे रखोगे , वैसे रहेगी ?
हंसकर...