सुकून
शवेत चादर जो ओढ़ी पहाड़ों ने
वैसा कुछ तेरा सुरूर है
तू इश्क नहीं तू सुकून है,
छाई है घटा ये आसमान...
वैसा कुछ तेरा सुरूर है
तू इश्क नहीं तू सुकून है,
छाई है घटा ये आसमान...