...

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//तुम्हारी बातें//
"तन्हाई में आग़ोश में भर लेती हैं तुम्हारी बातें,
चोरी चोरी ,मुझको, मुझसे ही चुराती हैं तुम्हारी बातें।

रात को अश़्कों की ओस से भिगोती तकिये को मेरे,
सुबह को आफ़ताब तले ख़ुद को सुखाती हैं तुम्हारी बातें।

कभी...