"मर्दों की मानसिकता"
ज़ात धर्म का रोग बता कर,
ऊँची आवाज़ में भौंकते रहे..!
मर्दों की मानसिकता वही,
आँखों से बदन नोंचते रहे..!
कैसी आज़ादी बढ़ती...
ऊँची आवाज़ में भौंकते रहे..!
मर्दों की मानसिकता वही,
आँखों से बदन नोंचते रहे..!
कैसी आज़ादी बढ़ती...