मान ऐ रब
हम जैसे लोगो कि भी मान ओ! रब
हम पे थोङा कर दे ना अहसान, ओ रब
गुजरती ही नही है जिन्दगी ऐ
नही तो क्या करू ए बन्दगी ऐ
नही आने मै वाला रोशनी मै
नहीं जाने मै बाला बरहमी मै
अंधेरे से कहो अब छा भी जाना
मुकम्मल अब नही
अब आ भी जाना
मतलब ऐ भी नही तुझको बुलाऊं
मै खुद को आखिर खुद ही कैसे...
हम पे थोङा कर दे ना अहसान, ओ रब
गुजरती ही नही है जिन्दगी ऐ
नही तो क्या करू ए बन्दगी ऐ
नही आने मै वाला रोशनी मै
नहीं जाने मै बाला बरहमी मै
अंधेरे से कहो अब छा भी जाना
मुकम्मल अब नही
अब आ भी जाना
मतलब ऐ भी नही तुझको बुलाऊं
मै खुद को आखिर खुद ही कैसे...