लहजा..कुछ...अलग..था.. 💕
मैनें.. पढ़ीं.. हजारों.. कविताएँ..
जो.. लिखि.. गई थी..
प्रेम के लिए..
प्रेम से..
और..
मैनें.. भी.. लिखी..
कुछ.....
जो.. लिखि.. गई थी..
प्रेम के लिए..
प्रेम से..
और..
मैनें.. भी.. लिखी..
कुछ.....