गांधी शिशक रहे आज राजघाट पर
#मयखाने
में याद जो आई
सजल नेत्र स्मृतियां छाई।
गांव में था सो बचपन झूला
बड़ा हुआ क्या गांव ही भूला।
जब से हुई है मेरी आमद शहर में तेरे
मुझसे रूठे रूठे सारे मयखाने हैं
जब से हुई है आमद मेरी शहर में तेरे
पता नही क्यों?
हर कोई लगते अनजाने है।
शहर...
में याद जो आई
सजल नेत्र स्मृतियां छाई।
गांव में था सो बचपन झूला
बड़ा हुआ क्या गांव ही भूला।
जब से हुई है मेरी आमद शहर में तेरे
मुझसे रूठे रूठे सारे मयखाने हैं
जब से हुई है आमद मेरी शहर में तेरे
पता नही क्यों?
हर कोई लगते अनजाने है।
शहर...