कर लो रूह से बातें
#रुह की बात
चाँद समेटूँ
सितारे समेट लूँ
और जल्दी से
ये मुट्ठी बंद कर लूँ
ये चाहत है फ़िज़ाओं की
उसकी ख़ुशबू बिखेर दूँ...
चाँद समेटूँ
सितारे समेट लूँ
और जल्दी से
ये मुट्ठी बंद कर लूँ
ये चाहत है फ़िज़ाओं की
उसकी ख़ुशबू बिखेर दूँ...