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जय श्री राम
आप हमेशा यूं ही मेरे साथ रहना मेरे प्रभु श्री राम,
आपके सानिध्य में भक्तिमय बनें रहें मेरे सुबह शाम,
अपनी आंखें बंद होने तक लेता रहूं मैं आपका नाम,
ऐसा आशीर्वाद दो कि अंतकाल में मिल जाएं मुझे आपका श्री धाम,
माना कि मैंने अब तक तय किया है गुनाहों का सफर,
पर तब मुझे पाप पुण्य में फर्क नहीं आता था नजर,
आज की मौजों के चक्कर में कल की ना रखता था खबर,
इसलिए मैं ऐसा बन गया पर अब जिंदगी गई है ठहर,
क्योंकि मैं ओर नहीं झेल सकता आपकी नाराजगी का कहर,
मुझे सब कुछ मिल जाता है जब रगो में उठती है श्री राम धुन की लहर,
ऐ जग के तारणहार अब तो मुझ पर कृपा करके बना दो मेरे बिगड़े काम,
बहुत परीक्षा आपने ली अब दे दो मेरी आत्मा को अनन्त काल का आराम,
© DEV-HINDUSTANI