कभी - कभी
कभी -कभी ख्याल आता है
तेरे यादों के पिंजरे से खुद को छुडालूं
भूल भुलैया जहां मैं खुद ही फंसी हूं
बस किसी तरह यहां...
तेरे यादों के पिंजरे से खुद को छुडालूं
भूल भुलैया जहां मैं खुद ही फंसी हूं
बस किसी तरह यहां...