महामारी।
औपचारिकता गले लगाने की,
बनी जब आशीष की मजबूरी,
तन से तन तो मिले पर बढ़ गई
मन से मन के देश की दूरी ।
सोता गया बिलासिता की शैय्या,
मानव भौतिक मोह की निद्रा में
लदे स्वप्न उनकी पलको पर,
भीषण महामारी की मुद्रा में।
विस्मित विश्व समझ पाया ,
अब भारत का वैदिक अर्थ,
जब...