...

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क्यों ख़ास हो तुम ?? 😉
लाखों कमियाँ होंगी मुझमें फिर भी मेरे पास हो तुम...
इसलिए ख़ास हो तुम...।

इस भाग दौड़ वाली दुनिया में सुकून का अहसास हो तुम....
इसलिए ख़ास हो तुम...।


लिबास की तरह रंग बदलने वाली दुनिया में...
जरूरत के वक़्त मेरे आस पास हो तुम....
इसलिए ख़ास हो तुम...।


मेरे इस कविताओं का बेहद खूबसूरत अल्फ़ाज़ हो तुम....
इसलिए ख़ास हो तुम...।


अच्छा सुनो...
इस was were वाली दुनिया में ; मेरे is am are हो तुम...
बस इसलिए बेहद ख़ास हो तुम....।


© निखिल