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मैं दर्द लिखूं, या आस लिखूं......
मैं दर्द लिखूं, या आस लिखूं......
दिल के वो जज़्बात लिखूं?
मुझसे जो बात बात पर रुठ जातें हैं,
उनके लिए कुछ अल्फ़ाज़ लिखूं?
गीत लिखूं या राग लिखूं.....
बैठे से वो ख्वाब लिखूं?
बढ़ती है जिनसे दिलों की धड़कन,
क्या वो चंद प्यार के एहसास लिखूं?
यूं तो कुछ खास लिखती नहीं हूं मैं,
पर क्या आज, वो... अधूरी सी बात लिखूं.....
समझेंगे नहीं वो, जानती हूं मैं,
क्या फिर भी अपनी आस लिखूं?
वैसे तो दुनिया में भी लाखों हैं,
पर क्या उस एक के लिए अपने जज़्बात लिखूं?
जाने दो, मिली ही नहीं हूं अब तक उनसे,
तो कैसे मैं वो बात लिखूं!
बस इतना चाहती हूं,
कि जब भी हमारे बारे में लिखूं,
वो कुछ भी अलग सा न हो,
बस जो भी लिखूं;
शिव शक्ति सा एहसास लिखूं,
कभी न छूटने वाला साथ लिखूं!

कलम तो चलती ही रहेगी,
बस लिखूं तो कुछ बेमिसाल लिखूं!

Caution : koi itna khaas mila nahi hai, ki uske baare me itna khaas likhu!
And even I don't want to meet that someone 😂

#justrandomzzz

Tc💖
aishpoetry1😊

© Jiya_^_wings🖋️✨