...

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#Tujhe_pa_leta_hu
मैं तुझ तक आना चहता हूँ
अपना प्यार बताना चहता हूँ
बहुत कुछ समझाना चहता हूँ
पर रोक लेता हूँ खुद को यहीं
ये सोच के की तू अब कहीं किसी
और की तो नहीं।
कहीं ऐसा न हो कि मैं आ तो जाऊँ
फिर दरवाज़ा खटखटाऊँ
और तुम्हें वहाँ न पाऊँ
दिल इसी सोच में रहता है।
खुद से कशमकश करता है।
कहना बहुत कुछ है। पर थोड़ा सा डरता है
इन सब बातों को ही सोचता रहता हूँ।
मैं तूझे खुद मे ही खोजता रहता हूँ।
हाँ वहाँ तुम्हें पा लेता हूँ
हजार बातें बना लेता हूँ।
वो मेरी खुद की दुनिया है।
जहाँ मैं तुमझे रिश्ते निभा लेता हूँ।