...

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तुझसे क़रीब कोई नहीं
तुझसे करीब और कोई आ नही सकता।
इक तेरे सिवा दिल को कोई भा नही सकता।

मैं हाय तेरा रकीब और तेरा हबीब हूँ ,
मेरी जान तुझसे दूर कभी जा नही सकता।

ऐसे तो रोज मिलते है दीवाने सरे राह,
पर हर किसी से दिल को लगा नही सकता।

जो आग तुने इश्क की जलाई है दिल मे,
उस आग को अकेले मैं बुझा नही सकता।

दिल मे सिवा तेरे कोई आता नही है अब,
लेकिन ये दिल को चीरकर दिखा नही सकता।
© Ank's