क्या कभी अपना हाल किसी को सुनाया?
हाल किसका क्या है ये पूछने की फुरसत ही कहां है,
अकेले जीए जा रहे हैं सब, अकेला ये जहां है,
कोरे कागज़ो में कोई अब दिल की दास्तां बयां नही करता,
दूसरों को बतलाने को तरसते बोल, अब तो शब्द भी बेजुबां है।
कोई तो मिले दिल का हाल बयां करने को,
अजी कोई आए हमारे सुरो में राग भरने को,
तन्हाई तो हम...
अकेले जीए जा रहे हैं सब, अकेला ये जहां है,
कोरे कागज़ो में कोई अब दिल की दास्तां बयां नही करता,
दूसरों को बतलाने को तरसते बोल, अब तो शब्द भी बेजुबां है।
कोई तो मिले दिल का हाल बयां करने को,
अजी कोई आए हमारे सुरो में राग भरने को,
तन्हाई तो हम...