ऐ हिन्दुस्तान, इस तस्वीर को दिखाता क्यों नहीं
ऐ हिन्दुस्तान, इस तस्वीर को दिखाता क्यों नहीं
बलिदान भरे इतिहास को तू बताता क्यों नहीं
वो इतिहास साक्षी है मेरे, ख़ून के क़तरे क़तरे का
अपने लहू से लिखी आज़ादी , वो बताता क्यों नहीं
ऐ हिन्दुस्तान, इस तस्वीर को दिखाता क्यों नहीं
मिट्टी में सने जज़्बात हमारे, आंधियों में सनीं आवाज़ें हैं
लहू के क़तरे क़तरे से आज़ाद लिखे फ़साने हैं
सौ दफा, तुझ पर मैं मर , मर , मर जाऊॅं
है सौगंध मुझे, बस आज़ाद तुझे करने हैं
पीठ पर डंडे खाए हैं, वो पीठ...
बलिदान भरे इतिहास को तू बताता क्यों नहीं
वो इतिहास साक्षी है मेरे, ख़ून के क़तरे क़तरे का
अपने लहू से लिखी आज़ादी , वो बताता क्यों नहीं
ऐ हिन्दुस्तान, इस तस्वीर को दिखाता क्यों नहीं
मिट्टी में सने जज़्बात हमारे, आंधियों में सनीं आवाज़ें हैं
लहू के क़तरे क़तरे से आज़ाद लिखे फ़साने हैं
सौ दफा, तुझ पर मैं मर , मर , मर जाऊॅं
है सौगंध मुझे, बस आज़ाद तुझे करने हैं
पीठ पर डंडे खाए हैं, वो पीठ...