...

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कुछ ऐसी ख्वाहिश है मेरी
खाने के लिए कभी होटल जाने को ना कहूंगी
अपने हाथों से खिला देना वही काफी है
रहने के लिए महलों की फरमाइश ना करूंगी
जिस जगह आप रहोगे वह जगह महलों से कम ना होगी
हीरे पन्ने की जरूरत नहीं...