...

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फिर........ऐसी मुलाकात हो💞
काश ऐसी भी इक रात हो,
तेरा मेरा साथ हो,
दुआ मांगी है उस रब से
फिर........ऐसी मुलाकात हो।

ख़ामोश रहे.......जुबां भले
आंखों में हमारी बात हो,
जुड़ जाएं धड़कन हमारी
फिर........ऐसी मुलाकात हो।

थम जाएं ये पल यहीं
एक हमारे जज़्बात हो,
मैं तुझमें,तुम मुझमें खो जाओ
फिर.........ऐसी मुलाकात हो।

ख्वाहिशें कुछ ज्यादा नहीं मेरी
बस हाथों में तेरा हाथ हो,
आँख खुले तुम्हें सामने पाऊँ
फिर.........ऐसी मुलाकात हो।

चेतन घणावत स.मा.
साखी साहित्यिक मंच, राजस्थान
© Mchet043