तुम्हे देखता हूँ तो सब देखता हूँ
न मंदिर न मस्जिद न रब देखता हूँ
तुम्हे देखता हूँ तो सब देखता हूँ
देखी जो मैं ने है आखें तुम्हारी
कोई और मंज़र न अब देखता हूँ
ऊलझते गए जो ये रिश्तें...
तुम्हे देखता हूँ तो सब देखता हूँ
देखी जो मैं ने है आखें तुम्हारी
कोई और मंज़र न अब देखता हूँ
ऊलझते गए जो ये रिश्तें...