...

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माँ का वर्णन
वो कह्ते हैं, माँ के बारे मे क्यूं नहीं लिखते कभी -
जनाब जिसने हमे बनाया ह उसके बारे मे क्या लिखूँ,
सोचती हूं कहिं शब्द कम ना पड़ जाएं ,
कहीं उसकी खूबसूरती का वर्णन करना ना रह जाये ,
उसकी मुस्करात लिखना ना छूट जाए,
उसे बयां करने मे कहीं गलती ना हो जाए,
कैसे चंद शब्दों मे दुनिया का जिक्र कर दूं मैं,
कैसे उस माँ का वर्णन कर दूं मैं ।।