...

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कारोबार
बेरंग है ये दुनिया तुम रोशनी में दीदार कर रहे
बेवफ़ाई के बाजार में कारोबार प्यार का कर रहे

हुस्न और जिस्म की नुमाइश है इस महफ़िल में
लालच और हवस है सबके दिल मे

वो इकरार कर रही और तुम ऐतबार कर रहे
इश्क़ को जिंदगी मानकर सच मे तुम मर रहे

अजीब सी खुश्बू महसूस हुई होगी तुम्हें
उसके करीब आकर
इत्र भी फीकी लगी होगी उसे सीने से लगाकर
झूठ भी सुन लिया होगा तुमने उसके मुस्कुराकर
वादे कसमें सब साथ खायी होगी

अब कर लिया तो क्यों डर रहे
ये इश्क़ है जनाब आज की
जो कर रहे वो जिंदा होकर फिर मर रहे

बेवफ़ाई के बाजार में कारोबार प्यार का कर रहे

हुस्न और जिस्म की नुमाइश है इस महफ़िल में
लालच और हवस है सबके दिल मे

वो इकरार कर रही और तुम ऐतबार कर रहे
इश्क़ को जिंदगी मानकर सच मे तुम मर रहे
© 𝓴𝓾𝓵𝓭𝓮𝓮𝓹 𝓡𝓪𝓽𝓱𝓸𝓻𝓮