नन्हीं सी डोर
नन्हीं सी डोर पकड़
ऊँची उड़ाने सोचकर
निकल जाऊँ उस डगर
हो आज़ादी का आश्रा हर पहर...
ऊँची उड़ाने सोचकर
निकल जाऊँ उस डगर
हो आज़ादी का आश्रा हर पहर...