...

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जरा देखआज मेरी कब्र पर कोन आया है..........
जरा देख आज मेरी कब्र पर कोन आया है ,
सकून से सोते हुए को फिर से जगाने आया है।

जो नहीं आया था शामिल होने मेरे जनाजे में ,
आज वह रोते हुए मेरी कब्र पर आया है ।

जरा देख आज मेरी कब्र पर कौन आया है........

सच तो ये है कि मन आज मेरा भी कर रहा है कब्र से उठने का ,
लेकिन क्या भला कोई कब्र से उठ पाया है ।

जरा देख आज मेरी कब्र पर कोन आया है..............

ये तो मुस्कुराते हुए गया था दामन मेरा छोड़ कर ,
न जाने क्यों आज आंख में आंसू ले आया है ।

बूड बुदातऐ होठ इसके मेरे लिए दुआ कर रहे हैं ,
या पश्चात ।
यूं न रो तू आखों को मलते हुए ,
क्या मेने तुझे कभी रोते हुए देखना चाहा है।

हां थे लाख गिले, लाख शिकवे तुझसे ,
पर मैं क्या तुझ से ज्यादा देर नाराज रह पाया ।

चल छोड़ ये पुरानी बाते , कुछ बोल ,
तेरे सिवा क्या मैंने किसी और को सुनना चाहा है।

जरा देख आज मेरी कब्र पर कोन आया है...........

बेचनी मेरी बढ़ती जा रही है,
जरा अपने बारे में बता , कैसा है तु ,
एक अरसे बाद तेरा पता पाया है।

मेरा क्या मुझे आज वर्षो बाद खुशी मिली है,
क्योंकि मुद्दत के बाद कोई अपना आया है ।

जरा देख आज मेरी कब्र पर कोन आया है .......

मिल गया है ये दिल मिट्टी में तो क्या ,
आज तुझे देख कर पहले की तरह धड़ रहा है।

बदलाव तो तुझमें भी आ गया ,जो कभी इतनी बाते करता था ,
आज गुम सुम सा बैठा है ।


थोड़ी देर और रुक , मेरे पास बैठ ,
अभी जी भरा नहीं ,
एक मुद्दत के बाद तो तू मिलने आया है

जरा देख आज मेरी कब्र पर कोन आया है ,
सकून से सोते हुए को फिर से जगाने आया है..........





© @herry