वो एक मसल्ला....
तकलीफें तो बहुत दी जिंदगी ने उसे
शिकायतों का भी दौर रहा
थोड़ा परेशान हो मुकद्दर को कोसना भी लाज़मी था
रुसवा भी था वो ,उन हसरतों से..जो जिंदगी से लगाई थी
तक़दीर में उसके कई मसल्ले भी लिखें गये
गर...
शिकायतों का भी दौर रहा
थोड़ा परेशान हो मुकद्दर को कोसना भी लाज़मी था
रुसवा भी था वो ,उन हसरतों से..जो जिंदगी से लगाई थी
तक़दीर में उसके कई मसल्ले भी लिखें गये
गर...