सारी दुनिया मतलबी है?:- निखिल ठाकुर
इस विषय पर कविता लिखने को मेरी पाठिका वन्दना ने कहा था ...यह कविता उसी के लिए लिखी है मैने ...उम्मीद है आप सबको यह पसंद आयेगी...बस मात्र कोशिश की है मैने लिखने की....
@Nikhilthakur#heartbreak#love#dard#bewafai#samajh
कविता नाम :- सारी दुनिया मतलबी है ?
लेखक :- निखिल ठाकुर
====================================
रंग-बिरंगे से खेल है इस जहां के ।
कोई यहां पे रंक तो कोई राजा है यहां पे।।
बडा ही अजीब खेल है इस दुनिया का यहां।
हर एक अपने मतलब के लिए ही अपनो का गला घोंटता है।।
देखकर दुनिया के रंगों को यही सीखा है मैने।
यह सारी दुनिया मतलबी है।।१!!
भुल नहीं पाई हूं मैं आज भी उस फरेबी चेहरे को।
जिससे मुझे बेइंतहां मोहब्बत सी थी।
वह मेरा पहला प्यार,और आखिरी प्यार था।
जो आज भी मेरे दिल में जिंदा है।।
दर्द -ए-धोेखे ठोकरों का सिलसिला दिया उसने मुझे।
टूटते गये सारे दिल ए अरमान मेरे यहां पे।।
अब तो धोखे ए जिन्दगी से यही सीखा है ।
यह सारी दुनिया मतलबी है।।२!!
फुल-ए- बहारों...
@Nikhilthakur#heartbreak#love#dard#bewafai#samajh
कविता नाम :- सारी दुनिया मतलबी है ?
लेखक :- निखिल ठाकुर
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रंग-बिरंगे से खेल है इस जहां के ।
कोई यहां पे रंक तो कोई राजा है यहां पे।।
बडा ही अजीब खेल है इस दुनिया का यहां।
हर एक अपने मतलब के लिए ही अपनो का गला घोंटता है।।
देखकर दुनिया के रंगों को यही सीखा है मैने।
यह सारी दुनिया मतलबी है।।१!!
भुल नहीं पाई हूं मैं आज भी उस फरेबी चेहरे को।
जिससे मुझे बेइंतहां मोहब्बत सी थी।
वह मेरा पहला प्यार,और आखिरी प्यार था।
जो आज भी मेरे दिल में जिंदा है।।
दर्द -ए-धोेखे ठोकरों का सिलसिला दिया उसने मुझे।
टूटते गये सारे दिल ए अरमान मेरे यहां पे।।
अब तो धोखे ए जिन्दगी से यही सीखा है ।
यह सारी दुनिया मतलबी है।।२!!
फुल-ए- बहारों...