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गलती
वही पुरानी मुस्कान मेरे चेहरे पर खिलती है
जब भी किसी मोड पर उसकी यादे मुझसे आ मिलती है
वही चमक है उसके बदन पर लेकिन
आज उसे ही देख मेरी आंखे जलती है
आंख भरके उसे देखने से सुकून मिलता है
और उसके घर लौट जाने से मेरी तनहाई की शामे ढलती है
मुझपर ये सजा भी जायज है
शायद तुझसे मोहब्बत करना ही मेरी गलती है
© All Rights Reserved
जब भी किसी मोड पर उसकी यादे मुझसे आ मिलती है
वही चमक है उसके बदन पर लेकिन
आज उसे ही देख मेरी आंखे जलती है
आंख भरके उसे देखने से सुकून मिलता है
और उसके घर लौट जाने से मेरी तनहाई की शामे ढलती है
मुझपर ये सजा भी जायज है
शायद तुझसे मोहब्बत करना ही मेरी गलती है
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