...

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आजादी कैसे आई
किया सोचते हो आजादी,
क्या ऐसे ही आई थी।
ना जाने कितनी चूढ़ी टूटी,
और कितनी गोली खाई थी ।
किसी के सिर से साया गया ,
और घरों की खुशियां गई थी ।
किया सोचते हो आजादी,
क्या ऐसे ही आई थी।
किसी बहन की ईदी रह गई,
कोई रखी लाकर रोई थी।
देश ने माँगा एक लाल अगर,
मां दो -दो दे आई थी।
किया सोचते हो आजादी ,
क्या ऐसे ही आई थी ।
अरे सीना देखो उन शेरो का ,
जिन्होंने अपनी जान गवाई थी।
किया प्रेम था दिल मैं स्वदेश का ,
जिसके लिए दुनिया ठुकराई थी।
किया सोचते हो आजादी ,
क्या ऐसे ही आई थी ।

HS--Alvi✍️✍️✍️..........

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