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श्रीकेदारनाथ!
एक उत्सुकता थी आपके दर्शन की,
धन्य हो महादेव जो आपने पूरी की!

जब चढ़ना शुरू किया तब जाना,
जीवन का एक और पहलू पहचाना!

आपके दर्शन के लिए क्या बालक, वृद्ध, और नौजवान,
सबकी बस एक ही लालसा, मिल जाए आपका वरदान!

मंदाकिनी के झरनों की भरमार, पहाड़ों की ये श्रृंखलाएं, स्वच्छ निर्मल पानी, पीते ही मन तृप्त हो जाए!

ये कठिन डगर, ये टेढ़े-मेढ़े रास्ते,
आपके नाम उच्चारण से आसान हो जाते!

मंदिर तक पहुंचने का ये सफर,
शून्य से भी न्युतम तापमान का कहर!

सब कुछ छूमंतर सा हो गया,
जैसे ही हर हर महादेव का नारा लगाया!

मंदिर के भीतर हर हर महादेव की गुंज,
मंदिर के बाहर बर्फ के बरसातों की बूँद!

मानो आपने स्वयं अपने भक्तों का अभिवादन स्वीकार किया,
मोतियों की इन माला स्वरूप में उन्हें आशीर्वाद दिया!

सचमुच श्रीकेदार की घाटी का अदभुत नज़ारा हैं,
हे महादेव! आपका यह घर बहुत ही प्यारा हैं!
© pritz