...

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अब भूल भी नहीं सकता
हर सांस में तुम थे, हर गीत में तुम थे।
कैसे मैं तुम्हें भूलूं, हर मीत में तुम थे।।
आज लहर उठी है दिल में, तुम्हें क्या बताऊं।
रोना पड़ा है तन्हा, अब तो पछताऊं।।


तुम्हें कैसे छोड़ दूं , ये बीच सफर में।
मुश्किल होगा मुझे चलना, इन्हीं सफर में।।
जब तुम हो साथ में किस बात का डर है।
सपनो में तुम आती हो, बस यही प्यार है।।



अब मन भी नहीं लगता , जो तुम दूर गई हो।
छोड़ कर तुम अपनी परछाई, जो तुम रूठ गई हो।।
कैसे मै आऊं तुम्हारे पास, जो मुझसे दूर हो।
कैसे न याद करूं तुमको, जो चमकती नूर हो।।



क्या हुआ हम दोनों में, ये तो सिर्फ खुदा बता सकता है।
आज तो है आंखो में आंसू, ये तो वही बता सकता है।।
कभी नहीं सोचा था ऐसा, तुम दूर हो जाओगी।
मुझे मरोगी ऐसे घुट- घुटकर, और तुम भी दूर हो जाओगी।।



आता नहीं भुलाना मुझे अब, तुमको ही देखकर।
जो हंसने लगे थे फूल सा चेहरा, फूल सा खिलकर।।
मुश्किल है सोना गहरी नींद में, जो तुम आई।
उस दिन खींच लिया तुमने, प्यार की डोर की तन्हाई।।

© All Manoj Kumar