वो आए थे कुछ दिन के लिए मेहमान बनकर.
वो आए थे कुछ दिन के लिए मेहमान बनकर ,
गुंज उठे थे गलीयां मोहल्ले अफसाने बनकर ,
मुस्कुरा उठी थीं ऐ आंखें खुशियां बनकर ,
हर एक शख्स ने आकर बताया जैसे मेरे अंधेरे रातों में आया हो वो चांद बनकर ,
वो आए थे कुछ दिन के लिए मेहमान बनकर.
दिल की धड़कनें बगावत कर रही थी जैसे...
गुंज उठे थे गलीयां मोहल्ले अफसाने बनकर ,
मुस्कुरा उठी थीं ऐ आंखें खुशियां बनकर ,
हर एक शख्स ने आकर बताया जैसे मेरे अंधेरे रातों में आया हो वो चांद बनकर ,
वो आए थे कुछ दिन के लिए मेहमान बनकर.
दिल की धड़कनें बगावत कर रही थी जैसे...