नाकामयाब कोशिश
हर बार मन में एक उम्मीद लिए
तेरे एहसासों के संग जुड़ती हूँ.....
टूट जाती हूँ हर बार मैं ,
जब तेरे एहसासों से सवाल करती हूँ..!
हर बार की तरह मैं आज भी...
मैं ये नाकामयाब कोशिश करती हूँ..!
मिलती हूँ तुझे बस मेरे ही ख्यालों में
कभी तेरे ख्यालों में भी मैं आना चाहती हूँ....
टूट जाती हूँ हर बार मैं ,
जब तेरी नींद में आकर दस्तक देती हूँ..!
हर बार की तरह मैं आज भी...
मैं ये नाकामयाब कोशिश करती हूँ..!
लिखती हूँ तुझे, कोरे काग़ज़ पर में
मैं अपनी मोहब्बत का इज़हार स्याही से करती हूँ...
टूट कर बिखर जाती हूँ मैं ,
जब ख़ुदको किसी रद्दी में पड़ी पाती हूँ...!
हर बार की तरह मैं आज भी...
मैं ये नाकामयाब कोशिश करती हूँ..!
तुझसे बेपनाह मोहब्बत करती हूँ...
हर घडी हर लम्हा ,
मैं तुझसे ही मोहब्बत करती हूँ..!
जयश्री✍️
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