आँख झुक रही है
बिखरने का मुझको शौक़ है बड़ा
समेटेगा मुझको तू बता ज़रा
हाय बिखरने का मुझको शौक़ है बड़ा
समेटेगा मुझको तू बता ज़रा
डूबती है तुझ में आज मेरी कश्ती
गुफ्तगू...
समेटेगा मुझको तू बता ज़रा
हाय बिखरने का मुझको शौक़ है बड़ा
समेटेगा मुझको तू बता ज़रा
डूबती है तुझ में आज मेरी कश्ती
गुफ्तगू...